REAL MEANING OF DIET

इस आर्टिकल में मैं आपको DIET और NUTRITION से संबंधित कुछ ऐसी बातें बताने जा रहा हूं, जिनके कारण शायद आपका DIET के बारे में पूरा नजरिया ही बदल जाए।जब हम DIET और NUTRITION  की बातें करते हैं तो मार्केट में हजारों तरह की DIET और NUTRITION  की बहुत सारी किताबें व articles  आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं।आप जिस तरह की Diet सोच सकते हैं उसके ऊपर कोई ना कोई किताब लिखी जा चुकी है। उदाहरण के लिए, "low carb diet, low fat diet, low protein diet या आप इंटरमिटेंट फास्टिंग करना चाहते हैं या GM diet या अगर आप बहुत रिलीजियस है तो एक जीसस diet भी है, अगर आप तेज नहीं धीरे खाना चाहते हैं तो एक SLOW DOWN DIET भी है," तो इस प्रकार की हजारों किताबें बाजार में उपलब्ध है। 
अब इसमें दो प्रॉब्लम आती है। पहले यह है कि लंबे समय तक यह DIET काम नहीं करती। हालांकि एक पैराडॉक्सेस (विरोधाभास) यह है कि कम समय में यह सारी DIET काम करती है। अब शायद यह सिचुएशन या स्टेटमेंट सुनकर आपको थोड़ा कंफ्यूजन (भ्रम की स्थिति) हो, लेकिन इस आर्टिकल में मैं आपको 2 पॉइंट दूंगा। यह पॉइंट पढ़ने के बाद आप किसी भी डाइटिशियन को रेफर करना बंद कर देंगे।
जब हम विभिन्न प्रकार की Diet के बारे में बात करते हैं या किसी आहार विशेषज्ञ के पास जाते हैं, तो सबसे महत्वपूर्ण बिंदु जो आपको नज़र नहीं आता है, वह यह है कि  चाहे आप कोई भी Diet लेते  हैं।  चाहे वो low carb diet  हो, low fat diet  हो या low protein diet  हो या कोई  फैंसी diet हो।आखिरकार यह सिर्फ एक कम कैलोरी diet है, क्योंकि किसी भी diet में, कुल 24 घंटे  के अंत में  केवल दो चीजे मायने रखती है। एक है गुणवत्ता और दूसरी है मात्रा। तो क्वांटिटी(मात्रा) सबसे पहले कम कर दी जाती है। तो अब आप 24 घंटे के आख़िर  में कम खाना खा रहे होते हैं। अब उस कम खाने को हम अलग  अलग तरह बाट सकते हैं। कुछ ना कुछ चेंज कर सकते हैं। लेकिन एट द एंड ऑफ द डे वह कम खाना होता है। दूसरी है कवालिटी।  यानी आप किसी भी Diet पर जाइए। आप किसी भी डाइटिशियन को रेफर करिए। आप एट द एंड ऑफ द डे सारा जंक फूड हटा  देते हैं तो अगर आप ध्यान से सोचें तो सभी डाइटिशियन और बुक्स इन्हीं दो चीजों का अनुसरण करती हैं ।पहली ओवरऑल कैलोरी को कम कर देना और दूसरी सभी जंक फूड को एलिमिनेट (हटा) कर देना। 
आज की तारीख में स्थिति यह हो चुकी है कि एक सामान्य व्यक्ति एक डायटिशियन के बाद दूसरे डायटिशियन के पास जाता रहता है और रिजल्ट कुछ समय के लिए आते हैं और फिर से सामान्य हो जाता है। फिर वह दूसरे डायटिशियन के पास जाता है। कुछ रिजल्ट आते हैं और फिर से रिजल्ट आना बंद हो जाते हैं। इस तरह वह डाइटिशियंस को बदलता रहता है क्योंकि वह यह दो पॉइंट समझ नहीं रहा है। जब आप एक डाइटिशियन को पैसे देते हैं तो उसका पहला काम होता है। आपको कम समय में और बहुत जल्द रिजल्ट देना तभी उसके पैसे जस्टिफाई होंगे।बहुत ही कम डाइटिशियन या न्यूट्रीशनिस्ट होगे जो आपकी मदद करेंगे एक अच्छी न्यूट्रीशन वाली  Diet बनाने में। बाकियों का काम है आपको कम समय में रिजल्ट देना। उनको आपकी सेहत से कोई मतलब नहीं होता है। क्योंकि यही दो फार्मूले है जो वह उपयोग करते हैं। और आज की तारीख में यह हालत हो चुकी है कि अगर मैं किसी से बोलूं कि घास खाने से आप पतले हो जाएंगे तो शायद अगले दिन पार्क में वह घास खाता मिले। तो कृपया अपनी कॉमन सेंस का प्रयोग करें। भेड़ चाल की तरह लोगों के पीछे मत जाइए। Get the real research behind the facts.

टिप्पणियाँ

एक टिप्पणी भेजें

लोकप्रिय पोस्ट