WEIGHT LOSS करें या FAT LOSS? क्या है बेहतर?

काफी लोग जो मेरे पास आते हैं उनकी बॉडी कंपोजिशन की हालत काफी खराब होती है। बॉडी कंपोजिशन का मतलब होता है lean muscle mass ओर fat percentage के बीच सही अनुपात और आप का posture।अब जब ये लोग मेरे पास आते हैं तो इनकी इस कंडीशन के मुख्य दो कारण होते हैं। एक तो होता है कि वह बहुत ही आरामदायक लाइफ़स्टाइल (sedentary lifestyle) जी रहे होते हैं। अपनी डाइट के ऊपर बिल्कुल ध्यान नहीं दे रहे होते। लाइफ में बहुत ज्यादा स्ट्रेस है और ऐसे बहुत सारे लाइफ़स्टाइल कारण होते है और जो दूसरा मुख्य कारण  है जिसके बारे में हम असल में आज बात करेंगे। वह यह है कि यह वह लोग हैं जिन्होंने weight loss  के लिए बहुत ही गलत तरीका अपनाया, जिसकी वजह से इनकी बॉडी कंपोजिशन असल में खराब हो जाती है। कृपया यह समझें कि जब हम  workout  या exercise की बात करते हैं तो दुनिया के सभी workout  या exercise  किसी न किसी के लिए अच्छे होते हैं। लेकिन जब हमें किसी कारण से कोई लक्ष्य प्राप्त करना होता है तो हमें अपनी diet को, अपने वर्कआउट को उसी हिसाब से डिजाइन करना पड़ता है।उदाहरण के तौर पर अगर कोई स्प्रिंटर है और उसे तेज भागना है तो हम उसे मैराथन ट्रेनिंग नहीं कराएंगे। हम उसे उसका सपोर्ट स्पेसिफिक या sprint  स्पेसिफिक वर्कआउट ही कराएंगे जिससे उसकी स्पीड बड़े। अगर हम उसे मैराथन ट्रेनिंग कराएंगे तो वह उसके लिए काउंटरप्रोडक्टिव है। वह उसे नुकसान पहुंचाएगा। उसकी स्पीड को कम करेंगा और यह होता है उन लोगों के साथ जो मोटे होते हैं, जो गलत तरीके अपनाते हैं Weight loss  करने के और वह गलत तरीके इसलिए अपनाते हैं क्योंकि उनको दो चीजों के बारे में अंतर का नहीं पता होता और यह अंतर मैं अपने सभी क्लाइंट को बताता हूं। प्लीज अंडरस्टैंड की पतला होने में और फिट होने में जमीन आसमान का फर्क है क्योंकि आपको fitness व पतले होने में या weight loss Vs fat loss  में अंतर नहीं पता होता है।  तो इसलिए आप को बेवकूफ बनाना आसान हो जाता है उन लोगों के लिए जिन का काम है बस पैसे कमाना।इसका पहला मुख्य उदाहरण है वह सारे ट्रेनर्स, डाइटिशियंस और पहले नंबर पर आते हैं स्लिमिंग सेंटर। वह इसलिए कि ये लोग जानते हैं कि आपको बस एक ही चीज देखनी है और वह चीज है- आपकी वेट मशीन की जो सूई  है वो थोड़ी सी नीचे हो जाए और यह करना बहुत आसान होता है और इसको कहते हैं - पतले होना "फिट होना नहीं"। क्योंकि मैक्सिमम मामलो में जब आप इन लोगों के तरीके अपनाते हैं जो होता है मुखयतः starvation diet, low carbohydrate diet, low salt diet, cardiovascular exercise या जिसे हम steady-state cardiovascular exercise कहते हैं या अपनी बॉडी को  dehydrate करना यानी  उसमें से पानी निकालना। जो लगभग सभी स्लिमिंग सेंटर करते हैं तो असल में आप Fat loss नहीं करते। आप loss करते हैं मुख्यत: पानी और जो सबसे महत्वपूर्ण है वह आपका Muscle mass ।तो आप पतले या shrink  हो रहे होते हैं। आप फिट नहीं हो रहे होते। आप strong नहीं हो रहे होते। इसका बहुत ही सटीक उदाहरण होगा - एक रोड पर काम करने वाला मजदूर
 वह फिट नहीं होता। वह बहुत ज्यादा पतला होता है। क्योंकि उसकी फिजिकल एक्टिविटी भी बहुत ज्यादा होती है और उसको मुश्किल से खाने को सही डाइट मिलती है। इसके बावजूद उसके सिक्स पैक बहुत क्लियर होते हैं। अब यह इसलिए होता है क्योंकि वह कभी भी stady-state Cardio नहीं करता। तो एक    तरफ वो ये गलती करता है कि मुश्किल से उसके पास कोई proper Diet होती है और वह बहुत ज्यादा फिजिकल एक्टिविटी कर रहा होता है और दूसरी तरफ  यह भी है कि वह steady-state कार्डियो नहीं कर रहा पर उसकी जो daily activitie है, वह भारीभरखम मजदूरी है। तो आप इसे हाई इंटेंसिटी workout कह सकते हैं। उदाहरण के तौर पर अगर वह कहीं पर सीमेंट की या किसी भी प्रकार की भारी वजन की बोरियां उठा रहा है, कई भारी चीजों को खींच रहा है, धकेल रहा है, यह सारी activities  high-intensity training  में आती है और इसी की वजह से आप देखेंगे कि उनके सिक्स पैक बहुत विजिबल(visible) होते हैं। वह काफी लीन मस्कुलर होते हैं, लेकिन असल में उनकी मसल्स बहुत ज्यादा waste away या अपव्यय हो चुकी होती है।वह इसलिए कि उनका फिजिकल कार्य  बहुत ज्यादा है जितना वह करते हैं दिन में। और काफी लोग यह रणनीति अपनाते हैं जिनसे उनको बहुत ज्यादा नुकसान होता है। हालांकि वह एक और यह गलती करते हैं कि वह हाई इंटेंसिटी वकआउट के स्थान पर stady-state long duration Cardio करते है। उदाहरण के तौर पर घंटों तक ट्रेडमिल पर भागते रहना या घंटों तक बाहर रनिंग या जोगिंग करते रहना या साइकिल चलाते रहना या क्रॉस ट्रेनर करते रहना जो असल में उनकी बॉडी कंपोजिशन को नुकसान करता है। 
          अगर आप फिट होना चाहते हैं। strong होना चाहते हैं। अपनी बॉडी कंपोजिशन को ठीक करना चाहते हैं,असली Fat loss करना चाहते हैं तो जो सबसे जरूरी चीज है वह है आपकी muscle। वह इसलिए क्योंकि आपकी muscle  में जो माइटोकॉन्ड्रिया होता है जिसे हम cell का पावर हाउस भी कहते हैं, उसका काम होता है एनर्जी प्रोडक्शन। इसलिए जितना ज्यादा आपका muscle mass  बनेगा उतना ज्यादा आपका माइटोकांड्रिया बढ़ेगा और इसका मतलब है उतना ज्यादा आपकी बॉडी fat loss  करेगी।जब आप हाई इंटेंसिटी वकआउट करते हैं या वह वर्कआउट करते हैं जो आपकी बॉडी को ओवरलोड कर रहे हैं तो आप की मासपेशीयो पर बहुत ज्यादा जोर आता है और वह अपने आप को उसकेे अनुकूल  करती है ,अपने को स्ट्रांग कर केे ज्यादा माइट्रोकांड्रिया उत्पन्न करने के लिए। तो आप जितना हाई इंटेंसिटी वकआउट करेंगे तो उतना ज्यादा माइटोकांड्रिया बढ़ेगा और आपकी fat loss कैपेसिटी बढ़ेगी। इसलिए जितना ज्यादा लीन मसल मास बढ़ेगा  उतना ज्यादा आपकी बॉडी कंपोजिशन ओर strength व Fat loss  के लिए अच्छा है। जो आपका माइट्रोकांड्रिया होता है। वह एक भट्ठी की तरह होता है। उसे हमेशा जलते रहना होता है और उसके लिए उसे ईंधन चाहिए और यह ईंधन होता है Fat। जिसे  आप का शरीर  ईंधन की तरह उपयोग करता है। इसलिए आप जितना ज्यादा muscle mass  बढ़ाएंगे उतना ज्यादा Fat loss  होता जाएगा और इसका बिल्कुल उल्टा होता है जब आप  Weight loss  करते हैं या Weight loss  के पीछे भागते हैं ना कि Fat loss के पीछे।जब आप अपना lean muscle mass loss करना शुरू कर देते हैं तो असल में आपका मेटाबोलिज्म धीरे होने लगता है और अगर आप का मेटाबॉलिज्म धीमा हो रहा है तो इसका मतलब है कि आप की Fat loss  या ओवराल कैलोरीज बर्न करने की कैपेसिटी भी कम हो रही है तो असल में आप अपनी स्थिति को और खराब करते जा रहे हैं। इसलिए मैक्सिमम लोग जो बुरी तरह  weight loss  करते हैं, चाहे वह स्टार्वेशन डाइट से हो या बहुत ज्यादा कार्डियो से हो। वह लोग अपना Lean Muscle Mass  बिल्कुल खत्म करते जाते हैं। वह बिल्कुल पतले हो जाते हैं और जो fat percentage होती है, वह लगभग वैैैैसे की वैसी रहती है। हाँ थोड़ा सा fat जरूूर कम  होता है। लेकिन  ज्यादातर  fat शरीर में  जगह-जगह लटकने लगता है। एक और मुुुुख्य प्रॉब्लम होती है जब आपका ज्यादा मांस कम होता है तो आपकी जो बॉडी होती है, वह योग्य हो जाती है कम से कम  कैलोरीज जलाने के।  तो जितना आप ज्यादा कार्डियो कर रहे हैं, स्टार्वेशन डाइट पर जा रहे हैं, आपका मेटाबोलिज्म उतना धीमा  होता जा रहा है और आपकी बॉडी और योग्य हो रही है उस मेटाबॉलिज्म को बनाए रखने में।तो कृपया समझिए कि अगर आपको Fitness  की तरफ जाना है तो आपका जो बेस्ट फ्रेंड है, वह है आपका Muscle Mass और अगर आप अपना Muscle Mass बढ़ाना चाहते हैं तो उसके लिए जो बेस्ट ट्रेनिंग होती है, वह होती है किसी भी तरह की  प्रतिरोध प्रशिक्षण (Resistance Training)। क्योंकि काफी लोग कंफ्यूज हो जाते हैं। वे Weight training, strength training और Resistance training में। यह सभी लगभग समान है। रजिस्टेंस ट्रेनिंग शब्द  मै इसलिए प्रयोग कर रहा हूं क्योंकि रजिस्टेंस किसी भी तरह की हो सकती है। जब मैं Weight training शब्द का प्रयोग करता हूं तो उसका मतलब तो समान ही होता  है। लेकिन आप समझते हैं कि वे ट्रेनिंग मतलब सिर्फ dumbbell, barbell या कुछ जिम मशीन। ऐसा नहीं है। Resistance  मतलब Resistance। जितना ज्यादा आप अपनी बॉडी को Resistance  देंगे। उतना ज्यादा आपकी  Muscles अनुकूल (adapt) होगी और बढ़ेगी। उनका साइज़ बढ़ेगा और जितना उनका साइज़ बढ़ेगा आप की Fat loss  की क्षमता बढ़ेगी। तो कृपया  समझे कि Fat loss और Weight loss  में बहुत ज्यादा अंतर है। आपको फिट और स्ट्रांग होना है, पतला नहीं होना। तो कृपया आप weight loss शब्द की जगह fat loss शब्द का प्रयोग करें क्योंकि यही है जो बहुत महत्वपूर्ण है और ऐसी रोचक जानकारी के लिए हमारे ब्लॉक को पढ़ते रहिए और शेयर और कमेंट भी करिए।

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